
डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में दुर्ग में हुई महिला आयोग की सुनवाई, कई महत्वपूर्ण प्रकरणों पर निर्णय
स्वजातीय विवाह पर अब नहीं लगेगा सामाजिक प्रतिबंध
दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज कार्यालय जिला कार्यकम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग के प्रेरणा सभाकक्ष में महिला उत्त्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 255 वीं एवं दुर्ग में 10 वीं सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में एक प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका हाईस्कूल निनवा जिला बेमेतरा शासकीय स्कूल में प्रध्यापक के पद पर 11 साल से कार्यरत है जिसकी वेतन 55 हजार रूपये है। आवेदिका के 8 साल का बेटा व 6 साल की बेटी है और उसे अपने पति के पेंशन स्वरूप 20 हजार रूपये की राशि मिलती है जो रेल्वे में टेक्नशियन के पद पर कार्यरत था। अनावेदक कमांक 01 व 02 आवेदिका के सास ससुर है। मृतक अरूण कुमार उनके एकलौता बेटा था और तीन बेटियां है। अनावेदक क. 1 प्राईवेट कम्पनी में कार्य करता था और अपने कमाई से मकान अपने स्व. बेटे के नाम पर खरीदा था। जिसमें आज आवेदिका अपने बच्चों के साथ रहती है और अनावेदकगणों को अपने घर से बाहर निकाल दिया है और रेल्वे का क्लेम भी आवेदिका को मिला है। हर महीने 20 हजार रूपये आवेदिका ले रही है और अनावेदकगणों का भरण पोषण भी नहीं कर रही है। समझाईश दिये जाने पर अपने सास ससुर को 10 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जाने को तैयार है। सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रीति बाला शर्मा संरक्षण अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है कि दोनों पक्षों को बुलाकर राजीनामा बनवाए और दोनों पक्षों पास बुक डिटेल लेकर एंट्री करे तथा अनावेदक क 1 व 2 संयुक्त खाता में प्रति व्यक्ति 5 हजार के मान से हर माह के 10 तारीख को बैंक के आरटीजीएस के माध्यम से 10 हजार रूपये नियमित रूप से अदा करेगी। अगर आवेदिका ऐसा करने से मना करती है तो अनावेदकगण वरिष्ठ नागरिक कानून के तहत आवेदिका के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है। इस पूरे प्रकरण की निगरानी प्रोडेक्शन ऑफिसर के व्दारा 1 साल तक की जायेगी। आवेदिका ने फोन पे के माध्यम से खाते में रूपये देना स्वीकार किया है।
इसी प्रकार अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया। अंत में दोनों पक्ष न्यायालय के बाहर आपसी राजीनामा कर चुके है। ऐसा उल्लेख किया गया है और इस बात पर भी सहमत है कि दोनों एक ही स्थान पर कार्य करने में असहज महसूस करेंगे ऐसी दशा में आयोग की सुनवाई में उभय पक्ष ने बताया है कि अपने कार्यालय ने दोनों में से एक अपना स्थानांतरण करवायेंगे। इस पर आयोग की सहमति है और आयोग की आर्डर शीट को संलग्न कर अग्रिम कार्यवाही कर सकते है। इसके बाद प्रकरण राजीनामा के आधार पर नस्तीबध्द किया गया।
आवेदिका एक माह का वेतन एन.आई.ओ.एस. का मानदेय लगभग 65 हजार रूपये बचा हुआ अनावेदक से प्राप्त करना चाहती है। इस आशय का कि कब तक का भुगतान शेष है लिखित में आवेदिका अनावेदक को प्रस्तुत करने कहा गया। एक माह के अंदर अनावेदक इसका भुगतान करेगा। भुगतान नहीं मिलने की शर्त में आवेदिका महिला आयोग को सूचित करेगी। तब प्रकरण केवल उसी दशा में आगामी सुनवाई में रखा जायेगा। अन्यथा प्रकरण नस्तीबध्ध किया जायेगा।
एक अन्य आवेदिका ने अनावेदक के ऊपर कार्यस्थल से लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवायी है। जिस पर जांच समिति ने क्या निर्णय दिया उसकी कॉपी अब तक आवेदिका के पास उपलब्ध नहीं है। अनावेदक जो उस स्कूल के प्राचार्य है उन्हें निर्देशित किया गया है कि 15 दिन के अंदर आवेदिका को जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करवाने में सहयोग करें। आवेदिका तब तक सखी वन स्टॉप सेंटर के संरक्षण अधिकारी से मिल कर सहयोग ले सकती है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आगामी सुनवाई रायपुर में की जायेगी।
स्वजातीय विवाह पर अब सामाजिक प्रतिबंध नहींः
एक प्रकरण में आवेदिका उनकी सास प्रतिमा साहू के साथ उपस्थित थी। सभी अनावेदकगण भी उपस्थित थे। आवेदिका ने अपने सामाज के नंद किशोर साहू से आर्य समाज में जाकर भागकर शादी किया था, दोनांे एक ही समाज के है। इस पर अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका एवं उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया था। डेढ वर्ष बाद अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका एवं उनके परिवार पर अर्थदंड लगाया गया और इसके साथ ही गांव के साहू समाज को खाना खिलाने की बात कही गई। वहीं अनावेदक पुहुप राम साहू जो गांव के समाज का अध्यक्ष है, ने आयोग के सुनवाई में स्वीकार किया कि दंड राशि नहीं ली जाती सिर्फ सहयोग राशि ली जाती है। उन्होंने कहा कि गांव से भागकर आर्य समाज में शादी करेंगे तो गांव का समाज बिगड़ जायेगा इसलिए प्रतिबंध लगाया जाता है। आयोग की सुनवाई में अनावेदकगण ने यह भी स्वीकार किया है कि उनके व्दारा आवेदिका एवं उनके पति के उपर सामाजिक प्रतिबंध लगाया गया था जो कि नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 की धारा 7 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इस पर सभी अनावेदकगणों ने अपनी गलती सुधारने की जिम्मेदारी ली है। 06 जुलाई 2024 को पूर्व पार्षद रत्ना यादव, गुरमीत धनई, समय 11 बजे गांव चिरपोटी में जायेगी। एक महिला कॉस्टेबल के साथ आवेदिका के गांव जाएगी। समस्त गांव वालों को एकत्र करने की जिम्मेदारी समाज के अध्यक्ष व सदस्य की होगी। उपस्थित संरक्षण अधिकारी के समक्ष अनावेदक व्दारा सार्वजनिक घोषणा की जाएगी कि दोनों आवेदिका एवं पति के खिलाफ लगाये गये शिकायत को वापस ले रहे है। ऐसे किया जाने की दशा में स्वमय प्रकरण नस्तीबध्द किया जायेगा। यदि ऐसी घोषणा अनावेदकगण के व्दारा नहीं की जाती है तो थाना अंडा में जाकर आवेदिका सभी अनावेदकगणों के खिलाफ नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 की धारा 7 के तहत अपराध दर्ज कराएगी। इस अधिनियम के अनुसार दूसरे समाज में विवाह करने पर विवाहित जोड़े या उसके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहिष्कृत नहीं किया जाएगा। आयोग के तरफ से गई टीम एफ. आई.आर. कराने में सहयोग करेगी।
श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
दुर्ग। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित परिवारजनों हेतु 30 जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित है। संचालित योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के आधार पर पात्र श्रमिकों को योजना के तहत राशि प्रदाय की जाती है। श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्त का विनियमन अधिनियम 1996 के धारा-22 में (क) से (ज) तक में संचालित योजनाओं के अनुसार दुर्घटना की दशा में किसी हिताधिकारी को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना संचालित है। इसी प्रकार ऐसे हिताधिकारी जिन्होंने 60 वर्ष की आयु पूरी कर ली है वह मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना की मदद से पेंशन का संदाय कर सकेगा। किसी हिताधिकारी को गृह निर्माण के लिए उतनी रकम से अनादिक तथा ऐसे निबंधनों और शर्त पर ऋण और अग्रिम मंजूर कर सकेगा जो विहित की जाए उनके लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना संचालित है। हिताधिकारियों के बालकों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता हेतु मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना, मुख्यमंत्री नोनीहाल छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना, विशेष शिक्षा सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री आधारभूत शिक्षा प्रशिक्षण सहायता योजना संचालित है। किसी हिताधिकारी की या ऐसे आश्रित की बड़ी व्याधियों के उपचार के लिए चिकित्सीय व्यवस्था को पूरा करने हेतु सिलिकोसिस (बीमारी) से पीड़ित निर्माण श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास सहायता योजना एवं महिला हिताधिकारियों को प्रसूति प्रेस विद्या हेतु मिनीमाता महतारी जतन योजना संचालित है। अन्य कल्याणकारी उपाय और सुविधाओं के लिए, जो विहित किए जाएं, व्यवस्था करने एवं सुधार करने हेतु दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना, मोबाइल रजिस्ट्रेशन वैन योजना, मुख्यमंत्री साइकिल सहायता योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना, शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना, बंधक निर्माण मजदूर पुनर्वास सहायता योजना, श्रम मित्र योजना, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर मंथली सीजन टिकट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र योजना, मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना संचालित है। इसके अलावा भारत सरकार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के जारी मॉडल वेलफेयर स्कीम के तहत मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना संचालित है।
मृतक के परिजन को मिली 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने दुर्घटना में मृतक के परिजन को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्रॉस स्ट्रीट-1 ब्लॉक-27/एफ, सेक्टर 1 भिलाई तहसील एवं जिला दुर्ग निवासी श्री तुलसी दास की विगत 02 जुलाई 2023 को बांध के पानी में डूबने से मृत्यु हो गयी थी।
कलेक्टर द्वारा शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रावधानों के अनुरूप स्व. तुलसी दास की पत्नी श्रीमती वरलक्ष्मी को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव 5 जुलाई को
दुर्ग। शिक्षा विभाग द्वारा 05 जुलाई 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव 2024 कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुर्ग लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल होंगे। इसके अलावा प्रवेशोत्सव में अहिवारा विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, वैशालीनगर विधायक श्री रिकेश सेन, दुर्ग शहर विधायक श्री गजेन्द्र यादव, दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर, साजा विधायक श्री ईश्वर साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला वैशालीनगर भिलाई में आयोजित होगा।
पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार श्रंृखला के तहत ’’पद्म विभूषण, पद्म भूषण एवं पद्म श्री’’ पुरस्कारों के लिए वर्ष 2025 हेतु पात्र व्यक्तियों से ऑनलाईन नामांकन प्रस्ताव ीजजचरूध्ध्ंूंतकेण्हवअण्पद पर आमंत्रित किया गया है। वर्ष 2025 में ’’पद्म विभूषण, पद्म भूषण एवं पद्म श्री’’ पुरस्कार प्रदान करने हेतु निर्धारित पात्रता एवं मापदण्ड के अनुरूप ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किया गया है। पद्म पुरस्कार देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
यह पुरस्कार उत्कृष्ट कार्य करने वाले जैसे-कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों सेवा के लिए प्रदाय किया जाता है, कोई भी व्यक्ति किसी जाति, व्यवसाय हैसियत या लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं।
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