
26 जून से 10 जुलाई तक ग्राम पंचायत स्तर पर बीज उपचार के फायदे और प्रक्रिया पर विशेष अभियान
दुर्ग। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा 26 जून से 10 जुलाई तक ग्राम पंचायत स्तर पर बीज उपचार पखवाड़ा चलाया जा रहा है, जिसमें बीज उपचार करने की प्रक्रिया बताई जा रही है। इस उपचार से बीज की बचत, भूमि के अंदर हानिकारक कीटों और बीमारियों से बीज की सुरक्षा होगी। पौधा निकलने के बाद जड़ों में होने वाली बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाएगी और स्वस्थ पौधा तैयार होगा। साथ ही दवाईयों के लागत खर्च में कमी आएगी। जिले के ढाबा, बासीन, परसदा, तरकोरी, अरसनारा, बोरी, नगपुरा, भटगांव, बोरेन्दा, चंगोरी, सोरम, मचांदूर, सेलूद सहित अन्य ग्रामों में भी यह अभियान चलाया गया।
बीज उपचार करने के तरीके-अच्छे बीज का चयन कर उसे प्लास्टिक की बोरी या पन्नी पर फैला कर छायादार स्थान पर रखें। बीज अमृत या विभिन्न प्रकार के कल्चर का मिश्रण, बीज की मात्रा अनुसार बीज पर उपयोग करें। हाथों में पन्नी या दस्ताने पहन कर मिश्रण को इस तरह से मिलाएं कि बीज के ऊपर एक परत सी चढ़ जाए (आवश्यकता पड़ने पर गुड़ और पानी के घोल का उपयोग भी करें।) मिश्रित करने के बाद बीज को छायादार स्थान में फैलाकर सुखा लें और बुआई के लिए उपयोग करें।
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