बस्तर की विशेष अदालत ने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की जांच के बाद चारों नक्सलियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, NIA की पहली सफलता
सुकमा, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 2014 में हुई टाहकवाड़ा में 15 जवानों की हत्या के दौरान चार नक्सलियों को दोषी पाए गए हैं और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में चारों नक्सलियों को बस्तर की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा देने का फैसला किया है।
पुलिस ने 2014 में मुठभेड़ के बाद 200 से ज्यादा नक्सलियों और संगठन के प्रमुख नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें इन चारों को भी शामिल थे। सुकमा के टाहकवाड़ा में हुई नक्सली हमले में 15 जवानों की शहादत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए कड़ी मेहनत की, और इस मामले में चारों को दोषी पाया गया।
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस मामले की जांच की थी, और उनकी रिपोर्ट के बाद विशेष अदालत ने सभी चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला NIA की पहली सफलता है, जिसमें नक्सलियों को कड़ी सजा मिली है। गिरफ्तारियों में कवासी जोगा, महादेव नाग, मनीराम कोर्राम, और दयाराम बघेल शामिल हैं। उन्हें माओवादियों की घटना में संलिप्त होने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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