इंस्टा से यूट्यूब तक चुनावी जंग — डिजिटल कैंपेन बना सियासत का नया हथियार
रोज़गार, शिक्षा और स्टार्टअप — युवा वोटरों को लुभाने के लिए घोषणाओं की बरसात
महिला शक्ति का जलवा — सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण पर फोकस के साथ बढ़ा टिकट वितरण
जातीय समीकरणों से आगे बढ़ी सियासत — नई पीढ़ी की आकांक्षाओं पर केंद्रित हुआ पूरा चुनावी अभियान
बिहार विधानसभा चुनावों में इस बार नज़ारा बिल्कुल बदला-बदला है! दोनों बड़े गठबंधन अब परंपरागत जातिगत राजनीति से आगे बढ़ते हुए युवा और महिला वोटरों को रिझाने में जुट गए हैं।
युवाओं पर सियासी दांव:
रोज़गार, शिक्षा और स्टार्टअप को लेकर घोषणाओं की झड़ी लगा दी गई है। कई सीटों पर युवा उम्मीदवारों को उतारकर संदेश साफ़ है — अब
सियासत नई पीढ़ी के हाथों में:
सोशल मीडिया पर धुआंधार कैंपेन चल रहा है, इंस्टा से लेकर यूट्यूब तक हर जगह चुनावी जोश देखने को मिल रहा है।
महिलाओं की ताकत का जलवा:
महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियाँ खुलकर दांव खेल रही हैं — शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तिकरण के वादों के साथ कई महिला उम्मीदवारों को टिकट भी दिए गए हैं।
महिलाओं के लिए अलग रैलियाँ, खास कार्यक्रम और प्रचार अभियान… मानो चुनावी रणभूमि में ‘लेडी पॉवर’ का तूफ़ान उठ खड़ा हुआ हो!
रणनीति का पूरा चेहरा बदल गया:
अब राजनीति सिर्फ़ जात-पात की बात नहीं — सामाजिक-आर्थिक वर्गों और नई पीढ़ी की आकांक्षाओं पर सटीक निशाना साधा जा रहा है।
गाँव-गाँव में वर्कशॉप्स, संवाद और ग्राउंड लेवल मीटिंग्स से जनता के बीच पहुँचने की कोशिश तेज़ हो गई है।
निष्कर्ष साफ़ है — इस बार बिहार की चुनावी हवा में युवाओं और महिलाओं की गूंज पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ है! कौन जीतेगा ये जंग, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है — मुकाबला होगा जबरदस्त!

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