
दुर्ग। जिला अस्पताल के नवजात गहन शिशु चिकित्सा इकाई वार्ड में मिलने लगी है मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू जैसी सुविधा। जिला अस्पताल में हाल ही में 2 अति गंभीर नवजात शिशु का इलाज कर डिस्चार्ज किया गया। सिविल सर्जन डॉ. ए.के. साहू से मिली जानकारी अनुसार श्रीमती मेनका साहू के बेटे का जन्म 7 दिसम्बर 2023 को हुआ था। जन्म के समय बच्चें का वजन 800 ग्राम था। बच्चे की स्थिति देख लगा बच्चा शायद ही जीवित रहेगा किन्तु यहाँ के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आर. के. मल्होत्रा, डॉक्टर हेमंत साहू, डॉक्टर सीमा जैन, डॉक्टर वाय किरण कुमार एवं चिकित्सा अधिकारीयों एवं स्टाफ नर्स ने कठिन मेहनत कर बच्चे के संकमण को ठीक कर एवं बच्चे का वजन बढ़ाया गया।
इसी प्रकार श्रीमती निशा टंडन की बेटी का जन्म 08 जनवरी 2024 को हुआ था। जन्म के बाद बच्चा रोया नही व गंदा पानी पी लिया था जिससे सॉस लेने में तकलीफ हो रहा था। जिसके वजह से फेफड़े सिकुड़ गया एवं सॉस की तकलीफ बढ़ गई बच्चे को तुरंत वेंटिलेटर में रखा गया, एक्सरे से पता चला कि फेफड़े में निमोनिया का संकमण चालु हो गया है। बच्चे को जीवन रक्षक दवाई देकर (सरफेक्टेट) वेंटिलेटर में रखा गया। 6 दिन तक वेंटिलेटर में रखने के बाद, बच्चा स्वयं सॉस लेना शुरू कर दिया व स्वस्थ बच्चे एसएनसीयू से डिस्चार्ज किया गया। साथ ही पिछले एक साल में जिला अस्पताल एसएनसीयू में रिफर रेट एवम डेथ रेट में कमी हुई है। नवजात शिशुओं के सफल इलाज हेतु डॉक्टर अरुण कुमार साहू सिविल सर्जन ने नवजात गहन शिशु चिकित्सा इकाई के विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी एवं स्टाफ नर्स को शुभकामनाएं दी।
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