June 27, 2025

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कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न पर गठित समिति की बैठक सम्पन्न

कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न पर गठित समिति की बैठक सम्पन्न

       दुर्ग। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोषण) अधिनियम 2013 अंतर्गत गठित स्थानीय शिकायत समिति एवं विभाग की आंतरिक शिकायत समिति की बैठक विगत दिवस जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग में आयोजित की गई।

       बैठक में कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराने के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। अधिनियम के प्रावधानो पर विचार-विमर्श किया गया, स्थानीय शिकायत समिति, आंतरिक शिकायत समिति कार्य, कार्यक्षेत्र क्या होगा, समिति को शिकायत प्राप्त होने पर, समिति द्वारा तत्काल एवं नियमित सुनवाई के लिए कार्य योजना बनाई गई। किसी महिला के साथ कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसी घटना घटित होने पर वह उस विभाग में गठित आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष शिकायत कर सकती है, साथ ही यदि शिकायत कार्यालय प्रमुख के खिलाफ है तो या कार्यालय में 10 से कम कर्मचारी होने के कारण आंतरिक शिकायत समिति गठित न होने की दशा में शिकायत, महिला एवं बाल विकास अंतर्गत गठित स्थानीय शिकायत समिति के समक्ष की जा सकती है।

       ग्रामीण एवं नगरीय निकायों से शिकायत प्राप्त करने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। नोडल अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठानों, कार्यालयों, कार्यस्थलों से लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायत और 10 से कम कर्मचारी होने के फलस्वरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया हो अथवा शिकायत नियोक्ता के विरूद्ध की गई है, से संबंधित शिकायत प्राप्त कर स्थानीय शिकायत समिति को 07 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रेषित करना होगा।

       कलेक्टर द्वारा नगर निगम दुर्ग, भिलाई, चरोदा, रिसाली के आयुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार नगर पालिका परिषद कुम्हारी, जामुल एवं अहिवारा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत धमधा, उतई, पाटन, अम्लेश्वर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा और पाटन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

       बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्थानीय शिकायत समिति अध्यक्ष श्रीमती सारिका बाद्य, सदस्य श्रीमती अनिता सिंह, श्रीमती प्रेरणा धाबर्डे, श्रीमती उमा भारती साहू एवं विभाग की आंतरिक शिकायत समिति के पीठासीन अधिकारी श्रीमती भैचंद देहारी उपस्थित थी।

 

 

नव पदस्थ कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने पदभार ग्रहण किया

       दुर्ग। नव पदस्थ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने गुरूवार की संध्या पदभार ग्रहण कर लिया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 बैच के अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी इससे पूर्व जांजगीर-चांपा जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। दुर्ग जिले के निवर्तमान कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा (आईएएस) ने कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी को कार्यभार सौंप कर उन्हें नवीन दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जिला कार्यालय में पदस्थ सभी अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर एवं अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

 

 

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: 18 प्रकार के परम्परागत व्यवसायों के लिए मिलेगा प्रशिक्षण, अनुदान एवं ऋण

कारीगरों और शिल्पकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से मिलेगी पहचान

       दुर्ग। केन्द्र शासन द्वारा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू की गई है। यह योजना 17 सितम्बर 2023 से प्रारंभ किया गया है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण, अनुदान, ऋण आदि से लाभान्वित किया जा रहा है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य

       योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान विश्वकर्मा के रूप में कर उन्हें सभी लाभ प्राप्त करने के योग्य बनाना, विश्वकर्माओं के उपलब्ध कौशल उन्नयन कार्यक्रमों से जोड़ कर उनका कौशल विकास करना, उनकी योग्यता, क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक औजार, टूल किट प्रदान करना, संपर्शिक मुक्त ऋण प्रदान करना तथा उन्नति के लिए विभिन्न बाजारों से जोड़ना है। योजनातंर्गत आवेदन करने हेतु इच्छुक आवेदक सामान्य सेवा केन्द्र के माध्यम से निःशुल्क आवेदन कर सकते है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ

       प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत शिल्पकारों और कारीगरों को प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के जरिए पहचान मिलेगी। पंजीकृत हितग्राहियों को पहले चरण में एक लाख रुपए तक की और दूसरे चरण में 2 लाख रुपए तक की राशि 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर दिया जाएगा। इस योजना के तहत पंजीयन के बाद उनकेे पारंपरिक कौशल को निखारने के लिए 5 दिन का निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदाय किया जाएगा एवं 500 रूपये प्रतिदिन की दर से स्टाईफंड दिया जाएगा। उन्हें यंत्र एवं औजार के लिए 15 हजार रूपये की अनुदान सहायता राशि भी दी जाएगी।

18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय

       प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय-बढ़ई, नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लोहार, लोहे के औजार निर्माता, तालासाज, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, संगतराश, चर्मकार (मोची) जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाडू व पैरदान बनाने वाले, गुड़िया एवं खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी एवं मछली पकड़ने का जाल निर्माता आदि को सम्मिलित किया गया है।