June 29, 2025

CHHATTISGARH TIME

ज़रा हटकर, एक नई दृष्टिकोण से देश और दुनिया की सबसे स्वच्छ खबरें

BREAKING: कैबिनेट ने की मंजूर, एक देश, एक चुनाव बिल का प्रस्ताव, अब जल्द संसद में हो सकता है पेश

BREAKING: कैबिनेट ने की मंजूर, एक देश, एक चुनाव बिल का प्रस्ताव, अब जल्द संसद में हो सकता है पेश

नई दिल्ली: ‘एक देश एक चुनाव’ बिल को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक, इस बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल को लेकर सभी राजनीतिक दलों से सुझाव लिए जाएंगे। बाद में इसे संसद से पारित कराया जाएगा। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने एक देश एक चुनाव से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल को मंजूरी दे दी है, जिसे देश में बड़ा सुधारात्मक कदम माना जा रहा है। इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में समय और खर्च की बचत होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बिल को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है। यह फैसला मोदी सरकार की ‘सुधारात्मक राजनीति’ की नीति का हिस्सा है।

आखिर क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ का कॉन्सेप्ट?

दरअसल पीएम मोदी लंबे समय से ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे पांच साल राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही चुनाव में होने वाला खर्च कम होना चाहिए और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ नहीं बढ़ना चाहिए। ‘एक देश, एक चुनाव’ का मतलब है कि भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए।

पहले भी एक साथ हुए हैं चुनाव

एक देश, एक चुनाव भारत के लिए कोई नई अवधारणा नहीं है। आजादी के बाद से 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते रहे हैं। 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।