
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा की टॉप लीडरशिप को विभाजनकारी रणनीति अपनाने वाली बता देशभर में मस्जिदों और दरगाहों के सर्वेक्षण कराने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने इस बीच कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 का विरोध कर रहे हैं और इसका विरोध करना जारी रखा जाएगा। उन्होंने भाजपा से संघ प्रमुख के 2022 के बयान का जिक्र करते हुए भाजपा के टॉप लीडर्स से उसे मानने की बात कही।
आखिर क्यों दिया खडगे ने आरएसएस प्रमुख का हवाला
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के टॉप लीडर्स से मोहन भागवत के 2022 के उस बयान पर ध्यान देने को कहा, जिसमें आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि हमारा उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण करना था और हमें हर मस्जिद के नीचे शिवालय नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का भी हवाला दिया, जिसे धार्मिक स्थलों की 1947 जैसी स्थिति बनाए रखने के लिए खासतौर पर बनाया गया था। खड़गे की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर आई है। संभल की जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद पूरे देश में तनाव की स्थिति बनने लगी थी, जिसे लेकर विपक्ष एक बार फिर भाजपा लीडरशिप के खिलाफ लामबंद होती दिखी है। यहां दिल्ली में आयोजित एक रैली के दौरान खड़गे ने कहा, कि पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं एक हैं तो सेफ हैं, लेकिन वे किसी को भी सेफ नहीं रहने दे रहे हैं। आप एकता की बात जरुर करते हैं, लेकिन आपके कार्य इसे धोखा देने जैसे हैं। खड़गे ने कहा कि आपके नेता मोहन भागवत ने तो कहा है कि अब जबकि राम मंदिर बन गया है, तो और अधिक पूजा स्थलों का सर्वे करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप उनके शब्दों का सम्मान करते हैं, तो और कलह क्यों पैदा कर रहे हैं? खड़गे ने बीजेपी से पूछा कि क्या वह लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार और चार मीनार जैसी संरचनाओं को भी ध्वस्त कर देंगे, जो मुसलमानों ने बनवाई थीं।
More Stories
परंपरागत श्रद्धा-भक्ति और उल्लास के वातावरण में निकाली गई भव्य रथयात्रा
रथयात्रा महोत्सव में शामिल हुए राज्यपाल रमेन डेका
छत्तीसगढ़ में रेल क्रांति : 47 हजार करोड़ रूपए की रेल विकास परियोजनाएं प्रगति पर