बीजामृत और जीवामृत के जीवंत प्रदर्शन के साथ जैविक खेती में विशेष योगदान के लिए किसानों को किया गया सम्मानित
प्राकृतिक खेती एवं गौ आधारित खेती पर कार्यशाला संपन्न
दुर्ग। कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) में आज बलराम जयंती पर आयोजित कृषक दिवस में प्राकृतिक खेती एवं गौ आधारित खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान खेत में बनाये जाने वाले बीजामृत, जीवामृत का जिवंत प्रदर्शन किया गया। इस आयोजन में प्रगतिशील महिला कृषक श्रीमती अजिता साहू एवं कृषक श्री लवन साहू को जैविक खेती में विशेष योगदान हेतु सम्मान प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान संघ के जिला कार्यकारिणी सदस्य श्री योगेन्द्र कुमार साहू, ग्राम चंींदकं के उप सरपंच श्री सुरेन्द्र कुमार साहू, श्री चेतन देवांगन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विजय जैन सहित 50 से अधिक किसान भाई मौजूद थे।
जिले में अब तक 559.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज
दुर्ग। जिले में 01 जून से 09 सितंबर तक 559.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सर्वाधिक वर्षा 901.8 मिमी पाटन तहसील में तथा न्यूनतम 394.3 मिमी धमधा तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील दुर्ग में 523.9 मिमी, तहसील बोरी में 437.1 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 533.5 मिमी और तहसील अहिवारा में 568.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 09 सितंबर को तहसील पाटन में 1.0 मिमी एवं तहसील भिलाई-3 में 17.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
समावेशी शिक्षा अंतर्गत स्पीच थैरेपिस्ट एवं स्पेशल एजुकेटर हेतु 14 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। प्रबंध संचालक राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के तहत स्पेशल एजुकेटर के (31 मार्च 2025 तक) एवं स्पीच थैरेपिस्ट का पदाकंन हेतु आवेदन आमंत्रित है। जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार इच्छुक आवेदक अपना आवेदन जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा दुर्ग को 14 सितम्बर 2024 तक गूगल लिंक https://forms.gle/wnuvfHerBoYfxj8L6 पर आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी हेतु जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा दुर्ग छ.ग. के सूचना पटल पर चस्पा जानकारी का कार्यालयीन समय में अवलोकन कर सकते हैं।
नगर निगम भिलाई द्वारा अतिक्रमण हटाने की गई बड़ी कार्यवाही
शासकीय जमीन में अतिक्रमण कर बनाये गये दुकानों को हटाया गया
दुर्ग नगर निगम द्वारा पोटिया चौक से पुलगांव मार्ग में अतिक्रमण हटाया गया
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार भिलाई निगम प्रशासन द्वारा आज शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की गई है। भिलाई जोन-3 ऑफिस के बगल में स्थित मैदान में बनायी गई गेट और दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया। यह गेट और दुकाने कब्जा करके बनायी गई थी। जिसें हटाने की कार्रवाई निगम प्रशासन द्वारा की गई। इस कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के जवान मौके पर मौजूद थे। अतिक्रमण मामले में न्यायालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। ज्ञात हो कि भिलाई नगर निगम की शासकीय जमीन का अवैध रूप से अतिक्रमण करके इस जमीन का उपयोग व्यावसायिक रूप से किया जा रहा था। जमीन को खाली कराने के संबंध में निगम द्वारा पहले भी नोटिस जारी किया गया था। इसी क्रम में आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। इससे पूर्व निगम द्वारा जहां कही भी अतिक्रमण रहा है, वहां नोटिस देकर इस तरह की कार्रवाई की गई है। यहां पर निर्मित 04-05 दुकाने, इसके अलावा बाऊण्ड्रीवॉल और पीछे भी कई कॉलम डाले गये थे, जिन्हें तोड़ा गया है। निगम द्वारा जारी नोटिस के संबंध में कब्जाधारियों द्वारा कब्जा हटाने के संबंध में कोई ठोस पहल नहीं की गई। अंततः निगम प्रशासन द्वारा उक्त अतिक्रमण हटाये गये है। इसी प्रकार कलेक्टर के निर्देशानुसार दुर्ग निगम प्रशासन द्वारा भी आज ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित पोटिया चौक से पुलगांव जाने वाली मार्ग के सड़क किनारे से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान सड़क किनारे के 42 अवैध अतिक्रमण हटाया गया। इस अवसर पर जिला एवं निगम प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
ग्रामोद्योग विभाग द्वारा 400 बुनकरों को रोजगार
महिलाये हो रही है आत्मनिर्भर
दुर्ग। ग्रामोद्योग विभाग के हाथकरघा प्रभाग द्वारा दुर्ग जिले की 10 बुनकर सहकारी समितियों के माध्यम से 400 बुनकरों को बुनाई कार्य से सतत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 400 बुनकरों में से 310 महिलाएं बुनाई कार्य से आत्मनिर्भर हो रही है। जिले के बुनकरों द्वारा शाला गणवेश शार्टिंग, ट्युनिक सुटिंग, चादर, बस्ता क्लाथ आदि 50 से 55 हजार मीटर प्रतिमाह वस्त्रों का उत्पादन कर छ.ग. राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर को प्रदाय एवं खुले बाजार मंे विक्रय किये जाते है। बुनकरों को बुनाई कार्य से 250 से 400 रूपए का निरंतर आमदनी हो रही है।
सहायक संचालक हाथकरघा दुर्ग से प्राप्त जानकारी अनुसार दुर्ग जिला बुनकर सहकारी समिति दुर्ग के 20, महिला हाथकरघा बुनकर सहकारी समिति दुर्ग के 34, महामाया बुनकर सहकारी समिति पाटन के 143, नागेश्वरी बुनकर सहकारी समिति नगपुरा के 60, जय चण्डी बुनकर सहकारी समिति असोगा के 60, शिवांशी बुनकर सहकारी समिति पाटन बघेरा के 15, आस्था बुनकर सहकारी समिति पाटन के 20, मां परमेश्वरी बुनकर सहकारी समिति रवेलीडीह के 20, महात्मा गांधी बुनकर सहकारी समिति अहिवारा के 05 एवं जय चण्डी बुनकर सहकारी समिति विनायकपुर के 23 इस प्रकार कुल 400 बुनकरों द्वारा बुनाई व्यवसाय से रोजगार किया जा रहा है। पूर्व में देवांगन समाज द्वारा ही बुनाई का परम्परागत कार्य किया जाता था। वर्तमान में देवांगन समाज के अतिरिक्त अन्य समाज के विशेषकर महिलाओं द्वारा इस परम्परागत बुनाई कला को अपना कर लाभान्वित एवं आत्मनिर्भर हो रही है। छ.ग. शासन ग्रामाद्योग विभाग द्वारा परम्परागत बुनाई कला को जिवंत रखने अधिक से अधिक हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध करने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बुनकरों के घरों पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ हाथकरघा प्रभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से बुनकरों को लाभान्वित किया जा रहा है। शहरी स्तर की कुछ पंजीकृत बुनकर समितियां अकार्यशील होने का कारण शहर में उद्योग धंधे एवं कारखाने स्थापित होने से शहरी क्षेत्र में बुनाई से अधिक आय का बेहतर रोजगार उपलब्ध हो जाता है। बुनाई कार्य में श्रम व कौशलता दोनांे की आवश्यकता होती है। इसलिए शहरी क्षेत्र की युवा पीढ़ी बुनाई रोजगार में रूचि नही लेते। किंतु ग्रामीण क्षेत्र में हाथकरघा बुनाई सें रोजगार का बहुत ही अच्छा साधन है। अकार्यशील बुनकर समितियों को कार्यशील करने का प्रयास किया जा रहा है।

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