December 15, 2025

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दुर्ग-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

दुर्ग-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

निर्माणकार्य शीर्घ पूर्ण करने दिए निर्देश

 

       दुर्ग। दुर्ग-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 4 फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। 349.03 करोड़ की लागत से कुम्हारी, ट्रांसपोर्ट नगर, पावरहाउस और चंद्रामौर्या सुपेला फ्लाईओवर कार्य प्रगति पर है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज एनएच के अधिकारियों के साथ फ्लाईओवर निर्माण कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों को फ्लाईओवर का शेष निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने अवगत कराया कि कुम्हारी फ्लाईओवर में रायपुर से दुर्ग की ओर फ्लाईओवर कार्य पूर्ण हो चुका है। बायीं कैरिज वे पर यातायात अस्थाई रूप से प्रारंभ कर दिया गया है। इसी प्रकार दुर्ग से रायपुर की ओर बो-स्ट्रीम एवं स्लेप का कार्य, पूर्ण दायीं ओर बो-स्ट्रीम के रेक्टीफिकेशन कार्य मार्च तक पूर्ण होने की संभावना है। फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है। इस फ्लाईओवर के शेष कार्य ड्रेन कार्य दोनों तरफ 1050 मीटर लम्बाई में अप्रारंभ है। सर्विस रोड दोनों तरफ 1050 मीटर लम्बाई में कार्य प्रगति पर है तथा बो-स्ट्रीम स्लेप पर ब्रिज लोड टेस्ट एवं फिनिशिंग कार्य अप्रारंभ है। ट्रांसपोर्ट नगर फ्लाईओवर में एप्रोच कार्य पूर्ण फिनिशिंग एवं ब्रिज लोड टेस्ट कार्य प्रगति पर है। उक्त ओवरब्रिज के शेष कार्य दोनों तरफ 400 मीटर लम्बाई में ड्रेन कार्य और सर्विस रोड कार्य प्रगति पर है। पावरहाउस फ्लाईओवर में कार्य पूर्ण एवं ट्रैफिक मूवमेंट अस्थायी रूप से प्रारंभ है। इसका शेष कार्य दोनों तरफ 1660 मीटर लंबाई के ड्रेन कार्य और सर्विस रोड कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार चंद्रा मौर्या से सुपेला फ्लाईओवर में कार्य पूर्ण पश्चात ट्रैफिक मूवमेंट अस्थाई रूप से प्रारंभ है। इसका शेष कार्य 1990 मीटर दोनों ओर ड्रेन कार्य और सर्विस रोड कार्य प्रगति पर है। अधिकारियों ने बताया कि 31 मार्च 2024 तक फ्लाईओवर का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यपालन अभियंता श्री बी.एस. राव, प्रोजेक्ट मैनेजर श्री पी. पार्थी, श्री बी.के. शाह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

स्तन कैंसर की जांच हेतु स्वास्थ्य कैंप का आयोजन 17 फरवरी को

       दुर्ग। वर्तमान में स्तन कैंसर एक घातक बीमारी बन गई है। वैश्विक जलवायु, रहन-सहन, खान-पान परिस्थिति के कारण आज हर 22 में से 01 महिला को स्तन कैंसर होने की संभावना है। उक्त बीमारी की गंभीरता को देखते हुये जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में रेड क्रास सोसाईटी, जिला दुर्ग अंतर्गत स्तन कैंसर जांच कैंप का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग से मिली जानकारी के अनुसार शिविर 17 फरवरी 2024 को जिला चिकित्सालय, दुर्ग में सुबह 10 बजे से शुरू होगा। आमजन से अपील की गई है कि स्तन कैंसर संभावित अधिक से अधिक मरीजों का आयोजित कैम्प में जांच करवाएं।

 

 

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्न्यन योजना पीएमएफएमई पर कार्यशाला 16 फरवरी को

कार्यशाला में भाग लेने के लिए 15 फरवरी तक करना होगा पंजीयन

 

       दुर्ग। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना पीएमएफएमई का संचालन जिला व्यापार उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जा रहा है। पीएमएफएमई योजना की विस्तृत जानकारी देने हेतु 16 फरवरी को जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में दोपहर 01 बजे से कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने के इच्छुक उद्यमी स्व सहायता समूह एवं किसान उत्पादक संगठन भाग ले सकते है। इच्छुक हितग्राही उक्त कार्यशाला में भाग लेने के लिए दूरभाष क्रमांक 9981140733 पर संपर्क कर 15 फरवरी तक पंजीयन करा सकते हैं।

       मुख्य महाप्रबंधक उद्योग श्री हरीश सक्सेना से मिली जानकारी अनुसार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्यरत उद्यमी स्व सहायता समूह एवं किसान उत्पादक संगठन इस योजना का लाभ ले सकते है। इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत निदेशक, स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत इकाई की स्थापना या किसान उत्पादक संगठन के द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना पर स्वयं का अंशदान कम से कम 10 प्रतिशत लगाने की स्थिति में परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 लाख तक पूंजीगत अनुदान प्राप्त करने की पात्रता है। खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रति सदस्य को अधिकतम रूपए 40 हजार रूपए की प्रारंभिक पूंजी का प्रावधान है।

       खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के लिए सामान्य सुविधा केन्द्र स्थापित करने हेतु 35 प्रतिशत की दर से पूंजीगत अनुदान एवं सामान्य उद्भवन केन्द्र स्थापित करने हेतु अधिकतम 50 की दर से पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है।