रायपुर। प्रसिद्ध साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल के निधन से छत्तीसगढ़ ने अपनी साहित्यिक धरोहर का एक अमूल्य स्तंभ खो दिया है। उनके निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें सम्पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का निर्णय लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार विनोद कुमार शुक्ल का निधन 23 दिसंबर 2025 को हुआ। राज्य शासन ने उनके अतुलनीय साहित्यिक योगदान और छत्तीसगढ़ का नाम देश-दुनिया में गौरवान्वित करने के लिए यह सम्मान प्रदान करने का निर्णय लिया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न कराया जाए तथा संबंधित अधिकारी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के उन विरले रचनाकारों में रहे, जिनकी लेखनी में आम जीवन की संवेदनाएं, सरलता और गहरी मानवीय दृष्टि प्रतिबिंबित होती थी। उनकी रचनाओं ने न केवल साहित्य जगत को समृद्ध किया, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई।
प्रदेशभर के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और नागरिकों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्य शासन द्वारा लिया गया यह निर्णय उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक माना जा रहा है।

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