
कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ा, अब गैर-धान फसलों को भी मिलेगा लाभ
सरकारी कर्मियों की पेंशन सुरक्षा के लिए बनेगा ‘छत्तीसगढ़ पेंशन फंड’
लॉजिस्टिक हब की ओर बढ़ा छत्तीसगढ़, लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 को मंजूरी
जन विश्वास विधेयक से व्यापार और आम नागरिकों के लिए सरल होंगे कानून
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्यहित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कृषक उन्नति योजना का विस्तार करते हुए अब धान के स्थान पर अन्य फसलें लेने वाले किसानों को भी सहायता दी जाएगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड और राज्य की राजकोषीय स्थिरता हेतु ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड का गठन किया गया। लॉजिस्टिक नीति 2025 और जन विश्वास विधेयक को मंजूरी दी गई। सात शहरों में पुनर्विकास योजनाएं स्वीकृत की गईं। वाणिज्यिक कर विभाग में पदोन्नति हेतु न्यूनतम सेवा अवधि को अस्थायी रूप से घटाया गया है।
प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
1. कृषक उन्नति योजना का विस्तार
धान की जगह दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल बोने वाले किसानों को भी अब आदान सहायता राशि का लाभ मिलेगा। खरीफ 2024 में धान बेचने वाले पंजीकृत कृषक यदि खरीफ 2025 में अन्य फसलों की खेती करते हैं, तो वे भी योजना के पात्र होंगे।
2. छत्तीसगढ़ पेंशन फंड का गठन
सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति पश्चात पेंशन दायित्वों के बेहतर प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन व संबंधित विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
3. छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड
राज्य की आर्थिक स्थिरता व असामान्य राजस्व उतार-चढ़ाव से निपटने हेतु ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड गठित करने संबंधी विधेयक को स्वीकृति प्रदान की गई।
4. लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 का अनुमोदन
छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से राज्य लॉजिस्टिक नीति 2025 को मंजूरी मिली। इस नीति से निवेश, निर्यात, भंडारण सुविधा, व्यापार और युवाओं के लिए रोजगार में वृद्धि होगी।
5. जन विश्वास विधेयक-2025 का अनुमोदन
राज्य के कुछ कानूनों को गैर-अपराध की श्रेणी में लाकर आम नागरिकों और व्यवसायियों के लिए जीवन और व्यापार को सहज बनाने हेतु जन विश्वास विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
6. रीडेवेलपमेंट योजनाओं को स्वीकृति
प्रदेश के सात स्थानों पर पुराने, जर्जर भवनों व अनुपयोगी भूमि के विकास हेतु पुनर्विकास योजनाओं को स्वीकृति दी गई। इसमें रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, महासमुंद और कोरबा की योजनाएं शामिल हैं।
7. पदोन्नति नियमों में अस्थायी छूट
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा अवधि एक बार के लिए 5 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर दी गई है।
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