June 27, 2025

CHHATTISGARH TIME

ज़रा हटकर, एक नई दृष्टिकोण से देश और दुनिया की सबसे स्वच्छ खबरें

पूर्व सरपंच लीला जैन द्वारा देवर को पंचायत राशि भुगतान का मामला: एसडीओ ने लिया संज्ञान, जांच के निर्देश

पूर्व सरपंच लीला जैन द्वारा देवर को पंचायत राशि भुगतान का मामला: एसडीओ ने लिया संज्ञान, जांच के निर्देश

सेमरिया (गिरहोला) पंचायत में ₹2.31 लाख का भुगतान रिश्तेदार को करने का आरोप

जनदर्शन में शिकायत के बाद एसडीओ ने दी जांच के आदेश, सीईओ को सौंपा जिम्मा

जांच में पाया गया पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन, वसूली के निर्देश जारी

पूर्व सरपंच लीला जैन पर पहले से भी लंबित हैं प्रकरण, कार्रवाई पर टिकी निगाहें

      अहिवारा। दुर्ग ज़िले की ग्राम पंचायत सेमरिया (गिरहोला), तहसील धमधा में पूर्व सरपंच श्रीमती लीला जैन द्वारा पंचायत राशि के अनुचित भुगतान का मामला सामने आया है। ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, श्रीमती जैन ने अपने देवर राकेश जैन को नाली सफाई, कचरा ढुलाई, ट्रैक्टर एवं जेसीबी से संबंधित कार्यों के लिए कुल ₹2,31,000 का भुगतान किया, जिसमें मजदूरी मद में ₹1,60,000 एवं मुरुम परिवहन हेतु ₹71,000 की राशि सम्मिलित है।

      ग्रामीणों, विशेषतः संजीव कुमार सोनवानी एवं अन्य ग्रामवासियों द्वारा 2 जून 2025 को जिला कलेक्टर दुर्ग को जनदर्शन में इस संबंध में शिकायत सौंपी गई थी। शिकायत के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) भिलाई-3 ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच का आदेश जनपद पंचायत धमधा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को दिया है। सीईओ को निर्देशित किया गया है कि एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन एवं वसूली संबंधी आर.आर.सी. (Recovery Report Certificate) प्रस्तुत करें।

      जांच में यह तथ्य सामने आया कि पूर्व सरपंच द्वारा अपने रिश्तेदार को लाभ पहुंचाया गया है, जो कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धारा 40 सहपाठित धारा 92 के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। जांच प्रतिवेदन में राकेश जैन से ₹2,31,000 की वसूली का उल्लेख किया गया है।

      इस मामले में ग्राम पंचायत सेमरिया (गिरहोला) के उपसरपंच दानी बंजारे ने भी पुष्टि की कि एसडीओ द्वारा सीईओ को पत्र भेजकर वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व सरपंच लीला जैन एवं उनके पति पवन जैन के खिलाफ पूर्व में भी प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में लंबित हैं।

      अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जनपद पंचायत धमधा द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली जांच रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और प्रशासन वसूली की प्रक्रिया में कितनी तेजी दिखाता है।