
17 माह की सेवा के बावजूद नहीं मिला ₹2.55 लाख वेतन, कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार
विधायक ने इंटरव्यू में कथित तौर पर निगेटिव प्रचार के लिए नियुक्ति स्वीकार की
“मैं विधायक हूँ, मेरा कोई क्या कर लेगा” – शिकायतकर्ता ने उद्धृत किया कथित बयान
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित 27 वरिष्ठ नेताओं को भेजी गई प्रतिलिपि
दुर्ग| वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री रिकेश सेन पर एक सामाजिक कार्यकर्ता और सोशल मीडिया कर्मी अली हुसैन सिद्दिकी ने ₹2,55,000 के बकाया वेतन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह आरोप सहायक श्रम आयुक्त, जिला दुर्ग द्वारा कलेक्टर को संबोधित एक पत्र के माध्यम से सामने आया है।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता अली हुसैन सिद्दिकी ने पत्र में दावा किया है कि विधायक बनने के बाद श्री सेन ने उन्हें फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर “निगेटिव प्रचार” और आलोचना करने के लिए ₹15,000 मासिक दर पर नियुक्त किया था। इस कार्य का उद्देश्य था कि विधायक जी लगातार चर्चा में बने रहें, विरोधियों पर नजर रखी जा सके, और विपक्ष को सोशल मीडिया पर काउंटर किया जा सके।
वेतन माँगने पर मिला ‘जुमला’ जवाब
सिद्दिकी ने आरोप लगाया कि 17 माह बीतने के बाद भी उन्हें एक भी वेतन नहीं दिया गया, जबकि बार-बार वेतन की मांग करने पर उन्हें पुरानी दोस्ती का हवाला देकर बहलाया जाता रहा। अंततः, विधायक ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि
“15 हजार वाली बात भी 15 लाख की तरह जुमला थी, मैं विधायक हूँ, मेरा कोई क्या कर लेगा।”
विधायक का वीडियो बयान भी संदर्भित
शिकायतकर्ता ने पत्र में यह भी लिखा कि विधायक ने हाल ही में एक यूट्यूब चैनल ‘The Lokars’ को दिए गए इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि
“मैंने 15,000 रुपये में एक लड़के को सोशल मीडिया पर निगेटिव प्रचार के लिए रखा है, जो मुझे चर्चा में बनाए रखता है और विरोधियों की जानकारी देता है।”
कलेक्टर से की न्याय की अपील
सिद्दिकी ने कलेक्टर, दुर्ग से अनुरोध किया है कि वे विधायक श्री सेन से 17 माह का वेतन ₹2,55,000 दिलवाने की कृपा करें।
प्रतिलिपि भेजी गई इन प्रमुख हस्तियों को:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा,
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह,
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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,
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भाजपा व कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय विधायकों सहित कुल 27 व्यक्तियों को।
प्रमुख बिंदु संक्षेप में:
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विवादित राशि: ₹2,55,000 (17 माह @ ₹15,000 प्रतिमाह)
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आरोप: निगेटिव प्रचार के लिए नियुक्ति, लेकिन वेतन नहीं दिया
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विधायक का कथित जवाब: “जुमला था, मैं विधायक हूँ, मेरा कोई क्या कर लेगा”
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वीडियो साक्ष्य: यूट्यूब इंटरव्यू में कथित स्वीकारोक्ति
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अनुरोध: कलेक्टर से वेतन दिलाने की मांग
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