
आबकारी नीति 2025-26 में कोई बदलाव नहीं, विदेशी मदिरा पर 9.5% अतिरिक्त शुल्क खत्म
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत ई-प्रोक्योरमेंट सशक्त समिति समाप्त, बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी में तेजी
धान-चावल परिवहन दरों को मंजूरी, श्रम कानूनों में संशोधन और उद्योग नीति को अधिक प्रभावी बनाने का फैसला
रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति को यथावत रखने, औद्योगिक विकास नीति को प्रभावी बनाने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सरल बनाने जैसे अहम फैसले लिए गए। सरकारी परिसरों में अतिक्रमण हटाने के लिए लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई, वहीं श्रम कानूनों में संशोधन को भी स्वीकृति मिली। धान एवं चावल परिवहन दरों पर राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को स्वीकार किया गया। उपभोक्ता विवादों के शीघ्र समाधान हेतु नए सदस्य पद का सृजन किया गया। सरकार ने ग्रामीण आजीविका सृजन के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के साथ एमओयू पर सहमति जताई।
मुख्य निर्णय:
# आबकारी नीति 2025-26
- आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति 2024-25 की भांति होगी।
- राज्य में 674 मदिरा दुकानों का संचालन जारी रहेगा, साथ ही आवश्यकता अनुसार प्रीमियम मदिरा दुकानों का प्रावधान रहेगा।
- देशी शराब की आपूर्ति मौजूदा रेट ऑफर के आधार पर होगी।
- विदेशी शराब का थोक क्रय और वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
- विदेशी शराब की फुटकर दुकानों पर लगने वाला 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त किया गया।
# छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक 2025
- सरकारी परिसरों में अतिक्रमण हटाने के लिए इस विधेयक को मंजूरी दी गई।
# ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार
- ई-प्रोक्योरमेंट की प्रक्रियाओं को सरल करने के लिए सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
- 100 करोड़ से ऊपर की परियोजनाओं को पीएफआईसी द्वारा स्वीकृति देने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाया गया।
# उपभोक्ता मामलों में त्वरित न्याय
- छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के शीघ्र समाधान के लिए नए सदस्य पद का सृजन किया गया।
# समर्थन मूल्य योजना एवं कृषि परिवहन
- खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान धान और चावल परिवहन दरों को लेकर गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को स्वीकृति दी गई।
# श्रम कानून और औद्योगिक नीति में संशोधन
- कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन विधेयक-2025 को स्वीकृति दी गई।
- रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी।
- औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को और प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में संशोधन किया गया।
# प्रशासनिक सुधार और पदोन्नति
- वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में 9 उप-पंजीयक पदों की पूर्ति हेतु पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार की छूट दी गई।
# आजीविका सृजन एवं ग्रामीण विकास
- छत्तीसगढ़ सरकार और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के बीच ग्रामीण छत्तीसगढ़ के कल्याण और आजीविका सृजन हेतु एमओयू के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग को अधिकृत किया गया।
मंत्रिपरिषद के इन निर्णयों से राज्य में वित्तीय स्थिरता, उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा, औद्योगिक विकास, प्रशासनिक सुधार और ग्रामीण आजीविका सृजन को मजबूती मिलेगी।
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