
RBI रिपोर्ट: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ (Tariffs) धमकियों के चलते पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर (Trade War) की स्थिति बन गई है. इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालकर विदेशी निवेशक चीन समेत दूसरे बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि, इसके बाद भी देश की बढ़ती इकोनॉमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
दरअसल, RBI के लेटेस्ट मंथली बुलेटिन के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. इसमें सस्टेनेड ग्रोथ मोमेंटम और स्ट्रैटेजिक फिस्कल मेजर्स का अहम योगदान होगा
रिपोर्ट में क्या है?
आरबीआई ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा है कि 2025-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी से 6.7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है. ग्लोबल अनसर्टेन्टी के बावजूद, हाई-फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स दिखा रहे हैं कि 2024-25 की दूसरी छमाही में इकोनॉमिक एक्टिविटी में सुधार होगा, जो आगे भी जारी रहेगा.
फिस्कल कंसॉलिडेशन और केपेक्स ग्रोथ
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनियन बजट 2025-26 ने फिस्कल कंसॉलिडेशन और ग्रोथ ऑब्जेक्टिव्स के बीच बैलेंस बनाया है. इसमें केपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस रखते हुए हाउसहोल्ड इनकम और कंजप्शन को बढ़ावा देने के उपाय किए गए हैं. 2025-26 में Capex-to-GDP अनुपात 4.3 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है, जो 2024-25 के रिवाइज्ड एस्टिमेट्स में 4.1 फीसदी था.
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