June 28, 2025

CHHATTISGARH TIME

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी टीम के साथ छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति का प्रमोशन किया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी टीम के साथ छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति का प्रमोशन किया

मुख्यमंत्री ने झांकी टीम के साथ चर्चा की, बालिकाओं को प्रेरित किया, और छत्तीसगढ़ की आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर को देशवासियों के सामने प्रस्तुत करने का आह्वान किया

       रायपुर। आज, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ में आदिम जनसंसद मुरिया दरबार पर केंद्रित झांकी के साथ जनजातीय कला और संस्कृति की शानदार प्रस्तुति की। इस मौके पर, श्री साय ने झांकी टीम की बालिकाओं से मुलाकात की और उनसे छत्तीसगढ़ की महान आदिवासी संस्कृति को देशवासियों के सामने प्रस्तुत करने के लिए उन्हें बढ़ावा दिया।

       मुख्यमंत्री ने कहा, “आप सभी के लिए छत्तीसगढ़ की महान आदिवासी संस्कृति को देश के सामने प्रस्तुत करना एक बड़ी जिम्मेदारी है, और आपकी अच्छी प्रस्तुति से हम छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा सकते हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने नई दिल्ली के लिए रवाना हो रही झांकी टीम की बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।”

       श्री साय ने झांकी टीम के सदस्यों से बातचीत करते हुए गणतंत्र दिवस परेड के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आशीर्वाद दिया और उन्हें छत्तीसगढ़ का गर्व महसूस कराया। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने झांकी टीम के सदस्यों के साथ उनके नाम और भूमिका के बारे में भी चर्चा की।

       गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित झांकी में छत्तीसगढ़ की प्राचीन जनसंसद मुरिया दरबार को प्रदर्शित करने का हौंसला बढ़ाने के लिए झांकी टीम ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया। झांकी के डिज़ाइन में रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने अपना योगदान दिया है और झांकी में छत्तीसगढ़ की जगदलपुर के मुरिया दरबार और लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है।

       झांकी में बस्तर की आदिम जनसंसद का प्रस्तुतिकरण, लोकतंत्र की जननी पर आधारित है, जो समाज में दीक्षांत से लेकर आजादी के 75 साल बाद भी स्थायी है। झांकी में बस्तर की प्राचीन राजधानी लिमऊ राजा को दर्शाकर झांकी टीम ने भारत में लोकतंत्र के उत्पत्ति और विकास की कहानी को साझा किया है। झांकी की सजावट में बस्तर की शिल्प-परंपरा के ‘‘बेलमेटल और टेराकोटा शिल्पों‘‘ से भरा है, जो लोकतंत्र, सामाजिक आत्मविश्वास और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक हैं। इस प्रदर्शन में झांकी टीम ने छत्तीसगढ़ की समृद्धि, सांस्कृतिक धरोहर, और प्राचीन परंपराओं का प्रतिष्ठान बढ़ाया है।