
नई दिल्ली । भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) ने वित्त मंत्रालय से आगामी बजट में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) उत्पादन के लिए पूरी तरह कॉरपोरेट कर की छूट देने की मांग की है। इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करेगा। आईबीए ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर इस मांग को मुख्य किया है। उद्योग निकाय ने कहा है कि सीबीजी उत्पादकों को पूर्ण कर राहत दी जानी चाहिए। आईबीए के अनुसार देश में कुल 100 सीबीजी संयंत्र चालू हैं और कुल सीबीजी की बिक्री लगभग 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंची है। इसके बाद भी कर माफ करने के बाद सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इस मामले में कर छूट से सीबीजी उत्पादकों को अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेचने में मदद मिलेगी। आईबीए ने बताया कि इस कदम से भारत अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल कर सकेगा और निजी निवेश प्राप्त करने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इसके अलावा, बायोगैस के उत्पादन में कृषि अवशेषों का उपयोग बढ़ाएगा और प्रदूषण कम करने में मदद करेगा।
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