June 28, 2025

CHHATTISGARH TIME

ज़रा हटकर, एक नई दृष्टिकोण से देश और दुनिया की सबसे स्वच्छ खबरें

समाज के विकास में निभाएं भागीदारी – राज्यपाल श्री डेका

समाज के विकास में निभाएं भागीदारी – राज्यपाल श्री डेका




रायपुर : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका आज छुरा गरियाबंद विकासखंड अंतर्गत नवापारा कोसमी स्थित आईएसबीएम विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने दीक्षांत समारोह में शामिल होकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पीएचडी, स्नातकोत्तर, स्नातक एवं डिप्लोमा की उपाधि प्रदान की। इनमें 29 विद्यार्थियों को पीएचडी एवं 13 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक की उपाधियां प्रदान की गई। इस प्रकार लगभग 260 विद्यार्थियों को आज दीक्षांत समारोह में उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो को बधाई एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई के दौरान अर्जित किये गए ज्ञान और तकनीकों का उपयोग समाज और राष्ट्र के विकास में करना चाहिए। सामाजिक विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। सदैव मेहनत और लगन के साथ सही दिशा में सफलता हासिल करने प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सीखना जरूरी है और सीखने के लिए सदैव एक सतत् इच्छा होनी चाहिए। ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। अच्छे इंसान बनें क्योंकि अच्छे व्यक्ति ही बेहतर समाज का निर्माण करते हैं। समाज आपकी ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है उसके लिए काम करें। भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहा है। आप लोगों की मेहनत और योग्यता से भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय परिसर में आम के पौधे का रोपण किया। कार्यक्रम में राजिम विधायक श्री रोहित साहू, कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल, आईएसबीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री विनय अग्रवाल, कुलपति श्री आनंद महलवार, कुलसचिव श्री बीपी भोल, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं उनके पालकगण मौजूद रहे।







Previous articleमोदी की गारंटी और सुशासन लेकर आई है छत्तीसगढ़ सरकार – अरुण साव
Next articleपर्यावरण परिक्रमा पथ बना प्रकृति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम